माँ
माँ है मेरी जग से निराली माँ है मेरी जग से निराली लट है उसकी…
माँ है मेरी जग से निराली माँ है मेरी जग से निराली लट है उसकी…
कहते हैं प्रेम आत्मीयता की वह अनुभूति है जिस से कोई भी प्राणी अछूता नहीं…
मामा को मामी मिली, लगी मुकुल कलिका खिली , मस्तानी-सी कहीं अकेली , मगर थोड़ी…
आईए आज बात करते हैं साहित्य क्षेत्र में चोरियों की। साहित्य क्षेत्र में चोरियां आज…
हर डूबता सुरज एक पैग़ाम देता हैं मैं डूब रहा हु तो कल फिर उगने…
सुंदर मुख की अद्भुत ज्योति, जिमि चन्द्र की उपमा होती। नयन कमल सम कोमल कोमल…
देख आज मैं किसी और की बात करता हूँ। कुछ अपने और कुछ पुराने की…
अभिनंदन हे अवध बिहारी, मेघवर्ण पीतांबर धारी, स्वर्ण मुकुट मुक्तन की माला, दीप्त भाल है…
कुछ खामोशियां अचानक से शोर हो गई, आज मुहल्ले में जल्दी ही भोर हो गईं,…
आज के आधुनिक युग में, शीशे की बहुकोणीय काट से। एल ई डी के प्रकाश…