देवरिया में स्ट्रा-रीपर मशीन के लिए नए नियम लागू: सुबह 11 बजे से पहले और शाम 4 बजे के बाद संचालन, अग्निशमन यंत्र अनिवार्य

देवरिया जिले में पराली प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने स्ट्रा-रीपर मशीन के संचालन के लिए नए नियम लागू किए हैं। जिला प्रशासन के ताजा आदेश के अनुसार, अब इन मशीनों को सुबह 11 बजे से पहले और शाम 4 बजे के बाद ही चलाने की अनुमति होगी। इसके साथ ही, आगजनी की घटनाओं से बचाव के लिए हर स्ट्रा-रीपर मशीन के साथ अग्निशमन यंत्र रखना अनिवार्य कर दिया गया है।
ये नियम खेतों में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण और आग के खतरों को कम करने के उद्देश्य से लागू किए गए हैं। सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक का समय इसलिए प्रतिबंधित किया गया है, क्योंकि इस दौरान तेज धूप और गर्मी के कारण आग लगने की संभावना अधिक रहती है। प्रशासन का मानना है कि सुबह और शाम के ठंडे मौसम में मशीनों का संचालन सुरक्षित होगा। साथ ही, अग्निशमन यंत्र की अनिवार्यता से किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई संभव हो सकेगी।
जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने बताया, “स्ट्रा-रीपर मशीनें पराली को काटकर उसे खाद या अन्य उपयोग के लिए तैयार करती हैं, जो पर्यावरण के लिए फायदेमंद है। लेकिन इनके संचालन के दौरान सुरक्षा पहलुओं का ध्यान रखना जरूरी है। नए नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए किसानों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।” उन्होंने किसानों से अपील की कि वे इन दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करें, ताकि खेती और पर्यावरण दोनों की रक्षा हो सके।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि निर्धारित समय के बाहर मशीन चलाने या अग्निशमन यंत्र के बिना संचालन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए कृषि और राजस्व विभाग की टीमें निगरानी करेंगी। किसानों का कहना है कि ये नियम उनकी सुरक्षा के लिए हैं, लेकिन समय सीमा के कारण कुछ व्यावहारिक दिक्कतें हो सकती हैं। हालांकि, वे प्रशासन के साथ सहयोग करने को तैयार हैं।
देवरिया में यह कदम न केवल पराली जलाने की समस्या से निपटने में मदद करेगा, बल्कि किसानों को सुरक्षित और टिकाऊ खेती की दिशा में प्रोत्साहित भी करेगा।