जयपुर : वीएमडब्लू टीम ने की गौ सेवा

जयपुर | वीएमडब्लू टीम फाउंडेशन ने सांगानेर स्थित पिंजरापोल गौशाला के लिए एक और मानवीय कार्य में सक्रिय भूमिका निभाई। पिछले एक वर्षों से हर बार की तरह, इस बार भी उन्होंने गौशाला के लिए हरा चारा और गुड का सहयोग किया। इस नोबल प्रयास के पीछे का मकसद गौशाला के पशु पक्षियों को पूरे भोजन पानी की व्यवस्था करना था। संस्था के पदाधिकारी एम के पाण्डेय निल्को ने इस अवसर पर सभी को गौसेवा में आगे आने की अपील की।

यह कार्यक्रम पिंजरापोल गौशाला में आयोजित किया गया था, जहां वीएमडब्लू टीम के सदस्यों ने हर महीने की तरह इस बार भी हरा चारा दान किया। इस संबंध में आयोजक एम के निल्को ने बताया कि वीएमडब्लू टीम की टीम हर महीने गौशाला के लिए हरा चारा दान करती है और हमारी यह संस्था राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश मे भी कार्य करती है। हमारी इस संस्था द्वारा मुफ्त चिकित्सा शिविर भी लगाया जाता है और अब तक तीन सौ से अधिक लोगो ने इसका लाभ लिया है। इसी सामाजिक कार्यो के कड़ी मे हम सभी पिंजरापोल गौशाला मे हरे चारे और गुड से सहयोग प्रदान किया।

जयपुर के प्रसिद्ध दुर्लभ जी अस्पताल के रेडियोलोजी विभाग के विवेक गोस्वामी ने बताया कि – बिना बोलने वाले पशु की सेवा जरुर करनी चाहिए क्योकि वो अपना कष्ट किसी से कह नहीं पाते और गाय पशु नहीं मां के समान है। भारतीय संस्कृति में गाय का दर्जा भवसागर पार कराने तक है। गौसेवा से मन स्वस्थ्य व शांत रहता है। इससे इंसान को धनात्मक ऊर्जा मिलती है ,जो मानव स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती है।

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वन विभाग मे कार्यरत लक्ष्मेंद्र तिवारी ने कहा कि – भारत में गाय के प्रति आस्था को समझने की आवश्यकता नहीं है । क्योंकि हिंदू धर्म में गौ सेवा को कर्तव्य माना गया है । पशु रूप में गाय सृष्टि मातृका कही जाती है । वेद और पुराणों में गौ को लेकर कई अच्छी बातें बताई गई हैं । पापमुक्ति से लेकर सुखी जीवन के लिए गौ सेवा करने की बात कही गई है । गाय के शरीर में सभी देवी देवताओं का वास माना गया है । कोई भी धार्मिक कार्य ऐसा नहीं है, जिसमें गौ की मौजूदगी या उनसे जुड़ी सामग्री की आवश्यकता न हो महर्षि वशिष्ठ का कामधेनु के लिए प्राणों की बाजी लगाना, महर्षि च्यवन का अपने शरीर के बदले नहुष का चक्रवर्ती राज्य ठुकरा कर एक गाय का मूल्य निश्चित करना, जैसे प्रसंग यही दर्शाते हैं कि गाय से बढ़कर उपकार करने वाली और वस्तु संसार में नहीं है । यह माता के समान मानव जाति का उपकार करने वाली, दीर्घायु और निरोगता प्रदान करने वाली है । इसलिए शास्त्रों में गाय को माता का दर्जा दिया गया है ।

अंत मे पंकज डांगोरिया ने बताया कि संस्था का उद्देश्य समाज को गौ सेवा के प्रति जागरूक करने और गौवंश को बचाने का हैं। इसी उद्देश्य से ये कार्यक्रम किए जा रहे है और हम सभी अपना – अपना योगदान दे रहें हैं । अन्त में संस्था के भामाशाहों एवं गौशाला संघ का आभार व्यक्त किया गया, जिनके सहयोग से यह कार्य संपन्न किया गया। इस अवसर पर संस्था के सदस्य रोहित यादव, नवीन कुमार, निकिता वर्मा, सुरेश गुर्जर, नवल कुमार, सागर कुमार, पवन, पूजा, यश समेत अन्य उपस्थित रहे।

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