घंटी की महत्वपूर्ण भूमिका: धार्मिक आचरणों में भोग लगाते समय का रहस्य

घरों और मंदिरों में भगवान के पूजन के समय घंटी बजाई जाती है ताकि उन्हें जगाया जा सके। यह क्रिया उनके नींद से जगाने तथा भोग लगाने में सहायक होती है। यहां आपको घंटी बजाने और भोग लगाने की क्रिया के पीछे का अर्थ मिलेगा। जानें क्यों घंटी बजाना और कितनी बार करना चाहिए।
क्यों बजाते हैं घंटी?
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार वायु तत्व को जागृत करने के लिए भगवान के समक्ष घंटी बजाई जाती है। वायु के पांच मुख्य तत्व हैं, व्यान, उड़ान, समान, अपान, और प्राण। भगवान के नैवेद्य करते समय घंटी बजाने से पांच वायु तत्वों का स्मरण होता है और उन्हें जाग्रत किया जाता है।
कैसे करें भगवान को भोग अर्पित?
भगवान को अर्पित की जाने वाली वस्तु को नैवेद्य कहा जाता है, जैसे अन्न, जल, मेवा, मिष्ठान, और फल। नैवेद्य को पान के पत्तेके ऊपर रखकर भगवान को अर्पित किया जाता है। भगवान को भोग अर्पित करते समय पांच बार घंटी बजाना चाहिए और निम्नलिखित मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए:
– ॐ व्यानाय स्वाहा
– ॐ उदानाय स्वाहा
– ॐ अपानाय स्वाहा
– ॐ समानाय स्वाहा
– ॐ प्राणाय स्वाहा
इन मंत्रों के उच्चारण के बाद प्रसाद या भोग के चारों ओर घूमाते हुए “ॐ ब्रह्मअणु स्वाहा” बोलकर धरती पर जल छोड़ दें।