अपमिश्रित शराब की फैक्ट्री पकड़ी गयी

रायबरेली। पुलिस और आबकारी विभाग का खेल सामने आया। 26 हजार नकली ढक्कन, 14 हजार नकली लेवल, नौ हजार नकली क्यूआरकोड, 8600 प्लास्टिक की खाली शीशी, 15 ड्रम, एक पानी की टंकी, 12 वाॅटर जार, रामपुर डिस्टलरी के दस खाली गत्ते पुलिस ने बरामद किए हैं। लेकिन शराब एक बूंद नहीं मिली। यह खेल सभी के समझ मे आ गया और दरोगा पर कार्रवाई हो गयी। अवैध शराब के दो कारोबारी पकड़ लिए गए हैं। यह तो केवल रायबरेली का नमूना है। समूचे यूपी में अपमिश्रित शराब का खेल चल रहा है। होली व पंचायत चुनाव में खपत जो बढ़नी है। आबकारी विभाग और गुरुबक्शगंज पुलिस ने बुधवार की रात एक गांव से अवैध शराब बनाए जाने की फैक्ट्री पकड़ने का दावा किया है। ताज्जुब वाली बात ये है कि इस कथित फैक्ट्री में बूंद भर शराब नहीं मिली।



हालांकि शराब बनाने में प्रयुक्त होने वाली सामग्री भारी मात्रा में बरामद हुई। इस मामले में शामिल पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर लिया गया। गुरुवार को अपर पुलिस अधीक्षक विश्वजीत श्रीवास्तव ने प्रेसवार्ता के दौरान इस गुडवर्क की जानकारी दी। बताया कि भवानीबक्श का पुरवा मजरे सुल्तानपुर खेड़ा गांव के धर्मेंद्र सिंह चौहान ने पोल्ट्री फार्म के लिए रिहायशी बस्ती से दूर कमरा बना रखा है। उसी कमरे में धर्मेंद्र अपने पुत्र अभिषेक, ऊंचाहार के जुगराज गांव के सुशील कुमार, उमेश कुमार, चाइना और विनीत पांडेय के साथ मिलकर मिलावटी शराब बनाता और पैकिंग कराकर बेचता था। पंचायत चुनाव में अपमिश्रित शराब खपाने की तैयारी थी, मगर पुलिस ने पहले ही कार्रवाई कर दी गयी।

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