फेक न्यूज का खुलासा: सोनिया, अखिलेश, राहुल पर झूठे दावे वायरल करने की साजिश

नई दिल्ली, 12 अप्रैल 2025: सोशल मीडिया पर फेक न्यूज का बाजार गर्म है, और अब एक सनसनीखेज खुलासा ने इस काले कारोबार की पोल खोल दी है। एक स्टिंग ऑपरेशन में सामने आया है कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ झूठी खबरें फैलाने के लिए एक संगठित गिरोह 52 लाख रुपये प्रति महीने की मांग कर रहा था। इन फर्जी खबरों में सोनिया गांधी के ‘रिलेशनशिप’, अखिलेश यादव को ‘टोटीचोर’ और राहुल गांधी को ‘शादीशुदा’ बताने जैसे सनसनीखेज दावे शामिल थे। इस पूरी प्रक्रिया को एक स्टिंग ऑपरेशन ने बेनकाब कर दिया है, जिसने सोशल मीडिया पर झूठ फैलाने वालों की साजिश को उजागर किया।
हाल ही में दैनिक भास्कर द्वारा किए गए एक स्टिंग ऑपरेशन में एक ऐसी कंपनी का खुलासा हुआ, जो पैसे लेकर नेताओं और सार्वजनिक हस्तियों के खिलाफ फर्जी खबरें वायरल करने का काम करती है। इस कंपनी ने दावा किया कि वह सोनिया गांधी के बारे में ‘रिलेशनशिप’ से जुड़ी फर्जी खबरें, अखिलेश यादव को ‘टोटीचोर’ जैसे अपमानजनक नामों से जोड़कर और राहुल गांधी को ‘शादीशुदा’ बताकर खबरें फैला सकती है। इसके लिए कंपनी ने 52 लाख रुपये प्रति महीने की मोटी रकम की मांग की। स्टिंग में कंपनी के प्रतिनिधि ने बताया कि वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, खासकर X, पर ट्रेंड कराने और फर्जी खबरों को लाखों लोगों तक पहुंचाने में माहिर है। स्टिंग ऑपरेशन के मुताबिक, यह कंपनी एक सुनियोजित तरीके से काम करती है। पहले फर्जी खबरें तैयार की जाती हैं, जो लोगों की भावनाओं को भड़काने वाली और सनसनीखेज हों। फिर इन खबरों को सोशल मीडिया पर बॉट्स, फर्जी अकाउंट्स और पेड इन्फ्लुएंसर्स के जरिए वायरल किया जाता है। कंपनी ने दावा किया कि वह 24 घंटे में किसी भी खबर को ट्रेंड करा सकती है और इसे न्यूज चैनलों तक पहुंचाने का इंतजाम भी कर सकती है। इसके लिए वह फर्जी स्क्रीनशॉट्स, मॉर्फ्ड तस्वीरें और वीडियो का सहारा लेती है।
क्या हैं ये फर्जी दावे?
- सोनिया गांधी का ‘रिलेशनशिप’: कंपनी ने दावा किया कि वह सोनिया गांधी के निजी जीवन से जुड़ी फर्जी खबरें गढ़कर उनकी छवि को नुकसान पहुंचा सकती है।
- अखिलेश यादव ‘टोटीचोर’: अखिलेश यादव को अपमानजनक नामों से जोड़कर उनकी विश्वसनीयता को कम करने की साजिश थी।
- राहुल गांधी ‘शादीशुदा’: राहुल गांधी के वैवाहिक जीवन को लेकर झूठी अफवाहें फैलाकर उनकी निजी जिंदगी को विवादों में घसीटने की कोशिश थी।
इस खुलासे ने सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों के खतरे को फिर से उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी खबरें न केवल व्यक्तियों की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि समाज में तनाव और ध्रुवीकरण भी बढ़ाती हैं। साइबर क्राइम विशेषज्ञ पवन दुग्गल ने कहा, “यह एक संगठित अपराध है, जिसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जरूरत है।” उत्तर प्रदेश और दिल्ली पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है, और कंपनी के खिलाफ IT एक्ट और IPC की धाराओं के तहत मामला दर्ज हो सकता है।
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने इस खुलासे पर कड़ा रुख अपनाया है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “यह बीजेपी की गंदी साजिश है, जो विपक्षी नेताओं को बदनाम करने के लिए फर्जी खबरों का सहारा ले रही है।” वहीं, सपा के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने इसे “लोकतंत्र पर हमला” करार देते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। दूसरी ओर, बीजेपी ने इन आरोपों से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि वह किसी भी तरह की गलत गतिविधियों का समर्थन नहीं करती। यह कोई पहला मामला नहीं है जब फर्जी खबरों का बाजार सामने आया हो। 2022 में दिल्ली में एक साइबर गिरोह का भंडाफोड़ हुआ था, जो नेताओं और कारोबारियों के खिलाफ फर्जी खबरें फैलाने का काम करता था। 2024 में भी X पर कई फर्जी ट्रेंड्स देखे गए, जिनमें नेताओं की निजी जिंदगी को निशाना बनाया गया। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाने में नाकाम हैं?
फर्जी खबरें न केवल नेताओं, बल्कि आम लोगों को भी प्रभावित करती हैं। गलत सूचनाओं के कारण लोग भ्रमित होते हैं और सामाजिक तनाव बढ़ता है। प्रयागराज के एक छात्र रवि मिश्रा ने कहा, “सोशल मीडिया पर हर दिन ऐसी खबरें देखने को मिलती हैं, जिन पर यकीन करना मुश्किल होता है। अब तो लोग सच और झूठ में फर्क ही नहीं कर पाते।” इस खुलासे के बाद पुलिस और साइबर सेल ने जांच तेज कर दी है। माना जा रहा है कि इस कंपनी के तार कई बड़े शहरों और विदेशी सर्वरों से जुड़े हो सकते हैं। साथ ही, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी फर्जी खबरों को रोकने के लिए सख्ती बढ़ाने का दबाव है। लोगों से अपील की जा रही है कि वे बिना जांचे-परखे किसी भी खबर पर यकीन न करें और सोशल मीडिया पर फैलने वाली सूचनाओं को सतर्कता से देखें।