हर घर तिरंगा – 20 करोड़ घरों में फहराएगा तिरंगा

 

  • ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत अब किसी भी समय घर में तिरंगा फहरा सकते हैं
  • सरकार के मुताबिक इस अभियान से नागरिकों का तिरंगे के साथ रिश्ता और गहरा होगा
  • नागरिकों में देशभक्ति की भावना इससे और प्रबल होगी

एम के निल्को, लखनऊ | आजादी का अमृत महोत्सव के तहत 13 से 15 अगस्त तक केंद्र की मोदी सरकार ‘हर घर तिरंगा’ अभियान चलने की तैयारी कर रहीं हैं। भारत आज़ादी की 75वीं सालगिरह के जश्न का नाम ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ दिया गया है। इस मौके पर भारत सरकार ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान की शुरुआत का एलान किया है जिसके अंतर्गत 13 से 15 अगस्त के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर घर पर तिरंगा फहराने का आग्रह किया है और इसके लिए केंद्र सरकार ने तिरंगा फहराने के नियमों में बदलाव भी किया है। केंद्र सरकार के मुताबिक इस अभियान के साथ नागरिकों का तिरंगे के साथ रिश्ता और गहरा होगा साथ ही नागरिकों में देशभक्ति की भावना इससे और प्रबल होगी।


जानकारों का कहना है कि – इस अभियान के अंतर्गत जनभागीदारी के साथ 13 से 15 अगस्त के बीच 20 करोड़ से भी अधिक लोग अपने घरों में झंडे फहराएंगे। ये सरकारी और निजी प्रतिष्ठानों पर भी लागू होगा। इसके लिए नोडल अधिकारीयों की नियुक्ति भी की जा चुकी है। सभी लोग इस दिन के लिए झंडे आसानी से अपने पास के पोस्ट ऑफिस / डाकघरों से खरीद सकेंगे। साथ ही ऑनलाइन खरीदने का विकल्प भी दिया गया है। इसके लिए सरकार द्वारा तीन तरह के झंडों की व्यवस्था की गयी है।

केंद्र सरकार का लक्ष्य अगर 20 करोड़ घरों पर झंडा फहराने का है अगर झंडे की न्यूनतम कीमत 10 रुपये भी हो तो इस अभियान में कुल 200 करोड़ रुपये ख़र्च होंगे और ये 200 करोड़ उन्हीं लोगों से आएंगे जो ये झंडे ख़रीदेंगे

सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के सचिवों को लिखे एक पत्र में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा है कि –  भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का प्रदर्शन, फहराना और उपयोग भारतीय झंडा संहिता, 2002 और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के तहत आता है। पत्र के मुताबिक, भारतीय झंडा संहिता, 2002 में 20 जुलाई, 2022 के एक आदेश के जरिये संशोधन किया गया है और अब भारतीय झंडा संहिता, 2002 के भाग-दो के पैरा 2.2 के खंड (11) को अब इस तरह पढ़ा जाएगा, जहां झंडा खुले में प्रदर्शित किया जाता है या किसी नागरिक के घर पर प्रदर्शित किया जाता है, इसे दिन-रात फहराया जा सकता है।

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कंफ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) के मुताबिक़, भारत में फिलहाल 4 करोड़ झंडे ही उपलब्ध है मतलब साफ है की बाकी के झंडों का ऑर्डर राज्य या केंद्र सरकार को अपने स्तर पर बनवा कर बिक्री करने की जगह तक पहुँचाना होगा हालाकिं राज्य सरकार चाहें तो केंद्र सरकार से राज्य की ज़रूरत के हिसाब से कुल झंडों की माँग कर सकती है या फिर अपनी तरफ़ से झंडों का इंतज़ाम कर सकती है । जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज तीन साइज़ में उपलब्ध होगें और तीनों की कीमत 9 रुपये, 18 रुपये और 25 रुपये होगी और एक अगस्त से डाकघर में बेचने के लिए उपलब्ध होगे । कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पंचायतों, दुकानदारों, स्कूल, कॉलेजों को इससे जुड़ने का निर्देश जारी किया गया है।



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