हटेगा अतिक्रमण, टूटेगा अवैध निर्माण के साथ ही विरोधियों का गुरूर

 

देवरिया। नगर पंचायत लार की अध्यक्ष सरोज यादव ने लौह महिला के रूप में अपनी बुलन्दियों का परचम लहरा दिया है। लार नगर पंचायत के इतिहास में 150 वर्ष बाद कुछ नया होने जा रहा। लोगों को जाम से मुक्ति मिलेगी। आवागमन आसान होगा। अवैध रूप से खड़ी इमारतें ध्वस्त होंगी। सड़क से अतिक्रमण हटेगा। सड़क चौड़ी होगी। नगर सुंदर दिखेगा। इन सबके लिए सरोज ने लम्बा संघर्ष किया। हाईकोर्ट तक की लड़ाई लड़ी। यह सबकुछ आम आदमी की राह को सुगम बनाने के लिए हुआ। कुछ लोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए विरोध कर -करा रहे। इन सबके बावजूद जो स्थितियां बनीं है और कोर्ट के जो फैसले आये हैं वे नगर पंचायत लार के पक्ष में हैं। सरोज यादव के पति भाजपा नेता जगदीश यादव, अधिशासी अधिकारी राजन नाथ तिवारी का प्रयास रंग लाया। नगर में अब लगातार मुनादी हो रही-अपना अतिक्रमण स्वतः हटा लें अन्यथा जब नगर पंचायत का बुल्डोजर चलेगा तो उसके खर्च भी अतिक्रमणकारियों से वसूल किये जायेंगे। लार में इतिहास बनेगा, भूगोल भी बदलेगा और इसी के साथ राजनीतिक गणित भी बदलेगी।

लार नगर पंचायत का गठन वर्ष 1871 में हुआ था। राहगीरों की सहूलियत के लिए मुख्य बाजार के रास्ते सड़क बनाई गई थी। यह सड़क देवरिया से होते हुए बिहार तक जाती है। नगर पंचायत प्रशासन के मुताबिक उसी समय से मुख्य सड़क की चौड़ाई नक्शे में 46 फुट (70 कड़ी) है। जबकि इधर दुकानदारों ने अतिक्रमण कर कब्जा कर लिया। जिससे चौड़ाई 20 कड़ी यानी 13 फुट में सिमटकर रह गई है। इस रास्ते से होकर गुजरने में लोगों के माथे पर पसीना आ जाता है। शायद ही कोई ऐसा दिन हो जिस दिन जाम न लगता हो। यहां तक की घंटों एंबुलेंस फंस जाती है।
नगर प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने को लेकर छह नोटिस जारी कर सड़क से अतिक्रमण खाली कराने को लेकर निर्देश दिया। इससे परेशान मकबूल व अन्य 16 लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। मामले को हाईकोर्ट ने डीएम कोर्ट देवरिया भेज दिया। यहां ईओ के पक्ष को बरकरार रखते हुए डीएम कोर्ट ने 22 दिसंबर को फैसला सुरक्षित रख 24 दिसंबर को नगर पंचायत के पक्ष में फैसला सुनाया। फैसला पक्ष में आते ही नगर पंचायत अतिक्रमण हटवाने को लेकर सक्रिय हो गया। सोमवार व मंगलवार को लाउडस्पीकर के माध्यम से सड़क से अतिक्रमण हटाने की अपील की जा रही। वहीं कुछ दुकानदारों ने नगर प्रशासन पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। कुछ दुकानदार नगर पंचायत के इस रवैये पर लामबंद होकर अपना आक्रोश भी जता रहे। बुधवार को जो दुकानदार प्रभावित हो रहे वे अपनी दुकानें बंद करके अपना विरोध जताना शुरू किए।
प्रदेश में योगी सरकार पर भी तानाशाही का आरोप लगता है तो क्या योगी सरकार लोगों के अवैध निर्माण नहीं ध्वस्त कर रही? प्रदेश सरकार के ही नक्शे कदम पर यदि लार में अवैध निर्माण ध्वस्त हो जाय तो क्या बुराई है।

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