यूपी में हाई अलर्ट: 50 जिलों में फ्लैग मार्च, पुलिस की छुट्टियां रद्द, ड्रोन से निगरानी

लखनऊ, 2 अप्रैल 2025: वक्फ संशोधन बिल 2024 को लेकर बढ़ते तनाव के बीच उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। राज्य के 50 से अधिक जिलों में पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला, सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गईं और संवेदनशील इलाकों में ड्रोन से निगरानी शुरू की गई है। यह कदम लोकसभा में आज बिल पर होने वाली चर्चा से पहले उठाया गया है। दूसरी ओर, जमीअत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने बिल को पूरी तरह खारिज करने की मांग की है और इसे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला करार दिया।
यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने सभी जिलों में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। वाराणसी, लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज और संभल जैसे संवेदनशील शहरों में पुलिस ने रात से ही फ्लैग मार्च शुरू कर दिया। ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है, खासकर उन इलाकों में जहां विरोध प्रदर्शन की आशंका है। कानपुर के यतीमखाना इलाके के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट की निगरानी के लिए साइबर सेल को भी सक्रिय किया गया है। डीजीपी ने कहा, “किसी भी हाल में कानून-व्यवस्था से समझौता नहीं होगा।”
जमीअत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने वक्फ संशोधन बिल को “असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक” करार देते हुए कहा, “यह बिल मुस्लिमों के धार्मिक अधिकारों पर सीधा हमला है। वक्फ इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है, जिसे हदीस में मान्यता मिली है। इसे पूरी तरह खारिज किया जाना चाहिए।” उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से अपील की कि वे इस बिल का समर्थन न करें। मदनी ने चेतावनी दी, “अगर यह बिल पास हुआ तो बीजेपी के सहयोगी दल भी जिम्मेदारी से नहीं बच पाएंगे।”
वक्फ बिल में प्रस्तावित 14 बड़े बदलावों, जैसे गैर-मुस्लिमों और महिलाओं को वक्फ बोर्ड में शामिल करना, संपत्तियों पर जिला मजिस्ट्रेट की निगरानी और केंद्रीकृत पंजीकरण, को लेकर मुस्लिम संगठनों में नाराजगी है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और अन्य संगठनों ने इसे वक्फ की स्वायत्तता पर हमला बताया है। इस बीच, सरकार का कहना है कि यह बिल पारदर्शिता और भ्रष्टाचार रोकने के लिए जरूरी है।
लोकसभा में सुबह 12 बजे से वक्फ संशोधन बिल पर बहस शुरू होगी। एनडीए के सहयोगी दलों टीडीपी, जदयू और एलजेपी ने समर्थन का ऐलान किया है, जबकि विपक्ष इसे रोकने की कोशिश में जुटा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “यह बिल वक्फ संपत्तियों को बेचने की साजिश है।” बहस के दौरान हंगामे की आशंका जताई जा रही है।
यूपी में तनावपूर्ण माहौल और कड़ी सुरक्षा के बीच यह साफ है कि वक्फ बिल अब सिर्फ कानूनी मसला नहीं, बल्कि एक बड़ा सामाजिक और राजनीतिक मुद्दा बन चुका है।