विनय शंकर तिवारी की गिरफ्तारी से सियासी हलचल: 754 करोड़ के फ्रॉड का मामला

उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के बाहुबली नेता स्वर्गीय हरिशंकर तिवारी के बेटे और समाजवादी पार्टी (सपा) नेता विनय शंकर तिवारी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लखनऊ में गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई 754 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई है। उनके साथ उनकी कंपनी गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड के जनरल मैनेजर अजीत पांडेय को भी हिरासत में लिया गया है। दोनों को सोमवार देर शाम गिरफ्तार कर लखनऊ की सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

ED ने सोमवार सुबह लखनऊ, गोरखपुर, नोएडा और मुंबई में विनय शंकर तिवारी के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान कई अहम दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए गए। जांच में पता चला कि गंगोत्री एंटरप्राइजेज ने बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व में सात बैंकों के कंसोर्टियम से 1129.44 करोड़ रुपये का लोन लिया था, जिसमें से 754 करोड़ रुपये का गबन कर दूसरी कंपनियों में डायवर्ट किया गया।

इस मामले में महाराजगंज में विनय के एक रिश्तेदार को भी गिरफ्तार किया गया है, जिसके बाद इलाके में हंगामा मच गया। स्थानीय लोगों और सपा समर्थकों ने कार्रवाई का विरोध जताते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। सपा नेताओं ने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दिया है, जबकि ED का कहना है कि यह जांच लंबे समय से चल रही थी और सबूतों के आधार पर कदम उठाया गया।

विनय शंकर तिवारी पहले बसपा से विधायक रह चुके हैं और 2021 में सपा में शामिल हुए थे। उनके पिता हरिशंकर तिवारी पूर्वांचल की राजनीति में दबदबे वाले नेता थे। इस गिरफ्तारी ने सूबे की सियासत में हलचल मचा दी है। क्या यह मामला कानून का पालन है या सियासी साजिश? अपनी राय जरूर साझा करें।

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