सांवरे की बंसी का हुआ सफल प्रकाशन

साहित्य संगम बुक्स हर्ष के साथ अपनी नवीनतम काव्य-संग्रह सांवरे की बंसी के सफल प्रकाशन की उदघोषणा करता है। यह पुस्तक विशेष रूप से भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी को समर्पित है, और इसमें उनके दिव्य प्रेम और अनंत भक्ति की भावनाओं को शब्दों में पिरोया गया है। सांवरे की बंसी एक अनूठा संग्रह है जिसमें कवि और कवित्रीयों ने श्री कृष्ण और राधा रानी के प्रति अपनी श्रद्धा और प्रेम को सुंदर कविताओं के माध्यम से व्यक्त किया है। हर कविता में भगवान की लीलाओं, राधा-कृष्ण के प्रेम के विविध पहलुओं और भक्ति की गहराइयों का चित्रण है। यह संग्रह न केवल धार्मिक भावनाओं को जागृत करता है, बल्कि पाठकों को कृष्ण भक्ति के अद्वितीय अनुभव में भी शामिल करता है। सांवरे की बंसी में विभिन्न राज्यों के प्रतिष्ठित कवि और कवित्रीयों ने भाग लिया है, जिन्होंने श्री कृष्ण और राधा रानी की दिव्यता और उनके अद्वितीय प्रेम को अपनी लेखनी से जीवंत किया है। इस पुस्तक के संकलक अमित पाठक शाकद्वीपी जी ने पुस्तक की रूप रेखा अत्यंत सुंदर तरीके से तैयार की और विभिन्न राज्यों के कुशल कलमकारों को इस साझा संकलन में बतौर कवि– कवयित्री शामिल किया। संकलक अमित पाठक जी के अतिरिक्त इस काव्य संग्रह में बसंत कुमार ऋतुराज, अन्जू परिहार, संध्या गुप्ता, शालिनी श्रीवास्तव ‘सनशाइन’, दीपा विरमानी राठौर, अजय सरजोशी, माधुरी करसाल ‘मधुरिमा’, सरोज शर्मा, अर्चना, मुस्कान, डॉ. बिश्वम्भर दयाल अवस्थी, बलवंत सिंह राणा, आशीष कुमार, राधेश्याम ‘रागी’ , हरि प्रकाश कुशवाहा, कपिल देव कृपाला, पवन नागनाथ एमेकर, राजकर्ण शारदा, विजय डांगे, अनिल कुमार राज़, सुनील कुमार, सुशील चंद्र बाजपेयी, नीना श्रीवास्तव, विभूति सिंह, सीमा शर्मा, अमिता पाण्डेय अनुत्तरा, संतोषी डनसेना ‘रूही’, बबिता श्रीवास्तव, मोनिका डागा आनंद और मीरा सूखठणकर ने अपनी लेखनी से जादू बिखेरा है। मंच सभी सहयोगी रचनाकारो का हृदय से आभार व्यक्त करता है।इस पुस्तक में शामिल कविताएँ उनकी लीलाओं, प्रेम के अनगिनत रंगों और भक्ति की अनूठी भावनाओं को सुंदरता के साथ पेश करती हैं। साहित्य संगम बुक्स इस पुस्तक की सफलता पर अत्यंत प्रसन्न है और विश्वास करता है कि “सांवरे की बंसी” सभी भक्तों और साहित्य प्रेमियों के दिलों को छूएगी। इस दिव्य संग्रह को अपने पुस्तकालय में शामिल करने के लिए सभी पाठकगणों का हृदय से आभार।